क्या मां को Hajipur से लड़वा पायेंगे Chirag Paswan?

Chirag Paswan को या तो राजनीति की लंबी पारी खेलनी है या फिर वो जनता को इतना मूर्ख समझते है, कि उन्हें लगता है कि वो जो हवाबाजी करेंगे, जनता उन्हें सच मान लेगी. लोकसभा चुनाव में हाजीपुर सीट के लिए Chirag Paswan महीनों से भूमिका बांध रहे हैं. लेकिन ये उन्हें भी पता है कि हाजीपुर से पशुपति कुमार पारस उनसे मजबूत दावेदार है, सियासत के गणित में.

Chirag Paswan मां को हाजीपुर से लड़वाना क्यों चाहते हैं?

हाजीपुर पासवान वोट बैंक के लिहाज से एकदम Safe Seat है. स्वर्गीय रामविलास के किये इतने कार्य है वहां कि उनका नाम लेकर जो आएगा, वो जीत जाएगा. पासवान वोटों की संख्या भी हाजीपुर में सर्वाधिक और निर्णायक है. Chirag Paswan की पहली कोशिश रहेगी कि वो वहां से चुनाव लड़े, लेकिन अगर उन्हें जमुई से ही लड़ना पड़ा तो वो चाहते है कि हाजीपुर की सीट भी घर में रहें.

Chirag Paswan family

इसलिए वो कई मंचों से कह चुके हैं कि हाजीपुर से वो या उनकी मां चुनाव लड़ेंगी. पशुपति कुमार पारस के लिए यूँ कहें तो एक संदेश रहा है Chirag Paswan का कि वो Hajipur Loksabha Seat को छोड़ दें. एक बार फिर आज उन्होंने मीडिया के सामने बयान दिया है कि उनकी मां अगर हाजीपुर से चुनाव लड़ती है तो उन्हें दो सीटों पर नहीं लड़ना पड़ेगा और उन्हें आसानी होगी.

Chirag Paswan Mother Can’t be a Candidate

Chirag Paswan के पिता रामविलास पासवान ने प्रेम विवाह किया हुआ है. चिराग पासवान की मां Reena Paswan Punjabi Family से आती है. वो शादी से पहले पेशे से Air hostess थी. Reena Paswan के बारे में कहा जाता है कि वह ब्राह्मण परिवार से आती है. और हाजीपुर लोकसभा सीट एक अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट है.

Chirag Paswan की बात में कितना दम है?

चिराग पासवान कई मौकों पर ये कह चुके हैं कि उनकी दिली इच्छा है कि उनकी मां Reena Paswan Hajipur से चुनाव पड़े. लेकिन मां ब्राह्मण परिवार से हैं. तो क्या ये संभव है? जाहिर तौर पर चिराग ने पता तो जरुर किया होगा, तभी वो इतने आश्वस्त होकर बयान देते है.

pashupati paras

जानकार बताते हैं कि Chirag Paswan की मां पंजाब से ब्राह्मण परिवार से आती जरुर हैं. लेकिन जिस जाती से वो ताल्लुक रखती है. वह वहां एक एससी जाति में गिना जाता है. मतलब पंजाब के जातीय दस्तावेजों में रीना पासवान वहां के लिए Schedule Caste की हुई. और अगर वाकई ऐसा है तो दो एससी की शादी हुई तो पत्नी भी एससी ही मानी जायेगी.

अगर ऐसा हुआ और कानूनी प्रावधान ने इसे मंजूरी दी है तो निश्चित तौर पर Reena Paswan हाजीपुर से चुनाव लड़ सकती हैं और पशुपति पारस पर भारी भी पड़ सकती है. देखना ये हैं कि कानूनी पेंच में यह गणित किसे सत्ता का समीकरण सौंपता है.

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