World Cup 2023: साल 2003 का समय था, आज की Young Generation तब शायद पहली या दूसरी कक्षा में पढ़ा करती थी. क्रिकेट तब एक त्योहार करता था. सचिन, सहवाद और द्रविड़, गांगुली के अलावा एक जाहिर खान हुआ करते थे, और बॉलिंग में किसी को ज्यादा इंटरेस्ट हो तो श्रीनाथ और लक्ष्मीपति बालाजी को भी लोग जानते थे.
मेरी मां को क्रिकेट देखने का बड़ा शौक था. तीन चार बैटरी जोड़ कर जब Black and White TV पर Cricket match चलता था तो पड़ोसी लोग 2-2 बजे रात तक चौखट पर बैठकर, खिड़की से लटक कर मैच देखा करते थे. हम लोगों को सुबह उठने के बाद पता चलता था कि अगरकर मार के गर्दा उड़ा दिया कल रात.
World Cup 2003 की Headline आज भी है याद
2003 World Cup का भारत के साथ दूसरा मैच था, दो बार के लगातार विजेता रह चुके ऑस्ट्रेलिया के साथ. वीर बल्लेबाजों से भरी भारतीय टीम 125 रन के आस पास Score करने के बाद All Out हो गई थी. अगले दिन किसी अखबार के फ्रंट पेज पर छपा था. “भारत के शेर, सवा सौ में ढेर…”

उस दौर में ऑस्ट्रेलिया अजेय था. और हम कभी न हार मानने वाले भारतीय. फाइनल में जब जब हेडन ने शॉट मारा है… तब तब लोगों ने अपने-अपने भगवान को याद किया है. हम 2003 का विश्व कप (World Cup 2023) हार गए थे. फाइनल ऑस्ट्रेलिया के साथ ही हुआ था. उस world cup में हम दो बार ऑस्ट्रेलिया से भिड़े थे और दोनों बार हार गए थे. अफवाहें उड़ी थी, पोंटिंग के बल्ले में स्प्रिंग लगा था. धीरे मारता था, फिर भी गेंद तेज भागती थी.
आज 2023 में फिर हमारा शुरूआती मैच Australia से था. India ने ऑस्ट्रलिया को 6 विकेट से हराया है. Indian Cricket Team के साथ अब ज्यादा जुड़ाव नहीं है उस दौर के क्रिकेट प्रेमियों का. Virat Kohili, Ishan Kishan और कुछ अन्य खिलाड़ियों को छोड़ दें, जो MS Dhoni के दौर के हैं तो बाकी को हम चेहरे से भी नहीं पहचान पाए.
लेकिन आज जब News देखा कि भारत के ऑस्ट्रेलिया को 6 विकेट से हरा दिया है. कंगारू टीम मात्र 200 रन ही बना पायी, तब मुझे फिर अखबार की एक Headline लिखने का मन किया.. “भारत के शेर, आज भी सवासेर…”